पूर्णिया में राहुल गांधी की रैली में दिखा भावुक नज़ारा: कांग्रेस प्रत्याशी इरफान आलम मंच पर रो पड़े, बोले– “चिट्ठी बांटने वाले के बेटे को आपने टिकट दिया”

पूर्णिया के कसबा में आज कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बड़ी चुनावी जनसभा को संबोधित किया। मंच पर उपस्थित भीड़ को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने केंद्र सरकार और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा हमला बोला।

पूर्णिया में राहुल गांधी की रैली में दिखा भावुक नज़ारा: कांग्रेस प्रत्याशी इरफान आलम मंच पर रो पड़े, बोले– “चिट्ठी बांटने वाले के बेटे को आपने टिकट दिया”
swaraj post

By : स्वराज पोस्ट | Edited By: Karishma Singh
: Nov 06, 2025, 5:40:00 PM

पूर्णिया के कसबा में आज कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बड़ी चुनावी जनसभा को संबोधित किया। मंच पर उपस्थित भीड़ को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने केंद्र सरकार और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि “पिछले 20 सालों से नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री हैं, लेकिन उन्होंने राज्य के युवाओं को सिर्फ मजदूर बनाया है। बिहार में उद्योग लगाने के लिए जमीन नहीं है, लेकिन अडाणी के लिए सरकार के पास जमीन की कोई कमी नहीं है।”

सभा के दौरान एक भावनात्मक पल भी आया जब कांग्रेस प्रत्याशी इरफान आलम मंच पर बोलते हुए रो पड़े। उन्होंने कहा, “सर, मुझे जिंदगी में पहली बार इतने बड़े मंच से बोलने का मौका मिला है। मैं आपको बताना चाहता हूं, आपने एक चिट्ठी बांटने वाले के बेटे को टिकट दिया है।” भीड़ ने इस भावनात्मक क्षण पर तालियों की गड़गड़ाहट से उनका उत्साह बढ़ाया।

राहुल गांधी ने अपने भाषण में चुनावों में कथित वोट चोरी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि “हरियाणा का चुनाव वोट चोरी करके जीता गया। वहां एक महिला का चेहरा दो सौ बार वोटर लिस्ट में दिखाया गया, दूसरी महिला का सौ बार। यहां तक कि ब्राजील की एक महिला हरियाणा की वोटर बन गई।” उन्होंने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र और हरियाणा के बाद अब बिहार में भी वोट चोरी की साजिश रची जा रही है।

राहुल गांधी ने युवाओं से अपील की कि वे “वोट चोरी” को रोकने के लिए आगे आएं। उन्होंने कहा, “अमित शाह जानते हैं कि वे बिहार में चुनाव नहीं जीत सकते। इसलिए अब वे एक ही रास्ता अपना रहे हैं — वोट चोरी का।”

अपने संबोधन के अंत में राहुल गांधी ने बिहार के युवाओं से भावनात्मक सवाल किया — “जब आप दुबई और बेंगलुरु जैसे शहरों को अपने खून-पसीने से खड़ा कर सकते हैं, तो फिर अपने बिहार को क्यों नहीं बना सकते?”

राहुल गांधी की यह रैली न केवल राजनीतिक तौर पर तीखी रही, बल्कि भावनाओं और उम्मीदों से भरी भी। भीड़ में जोश था, नारे थे, और बिहार के बेहतर भविष्य की बात थी।