पटना के मोकामा में बनेगा भव्य तिरुपति बालाजी मंदिर, नीतीश सरकार की बड़ी पहल

मोकामा में तिरुपति मंदिर निर्माण से करोड़ों श्रद्धालुओं को सुविधा मिलेगी. यहां आकर वे सीधे बालाजी के दर्शन कर पाएंगे. यह कदम धार्मिक पर्यटन को नई ऊंचाई देगा और मोकामा का नाम राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करेगा.

पटना के मोकामा में बनेगा भव्य तिरुपति बालाजी मंदिर, नीतीश सरकार की बड़ी पहल
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By : स्वराज पोस्ट | Edited By: Karishma Singh
: Sep 28, 2025, 3:14:00 PM

मोकामा, गंगा किनारे बसा एक ऐतिहासिक कस्बा, अब धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का नया केंद्र बनने जा रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर राज्य सरकार ने तिरुमला तिरुपति देवस्थानम् (TTD), आंध्र प्रदेश के साथ समझौता करते हुए लगभग 10 एकड़ जमीन मंदिर निर्माण के लिए उपलब्ध कराने की घोषणा की है.

यह वही संस्था है जो विश्वविख्यात तिरुपति बालाजी मंदिर का संचालन करती है. इस पहल को न सिर्फ आस्था से जोड़कर देखा जा रहा है, बल्कि यह बिहार के सांस्कृतिक, धार्मिक और आर्थिक विकास की नई इबारत भी लिखेगा.

बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने अपने एक्स पर ये जानकारी दी है।

उन्होंने लिखा है- सीएम नीतीश की पहल के बाद मोकामा में तिरुपति मंदिर बनाने के लिए लगभग 10 एकड़ जमीन का तिरुमला तिरुपति देवस्थानम्, तिरुपति, आंध्र प्रदेश के साथ समझौता हुआ है

ये निर्णय बिहार के सांस्कृतिक संवर्धन और सनातन धर्म के लिए बड़ी पहल है। इससे मोकामा शहर में सांस्कृतिक, धार्मिक एवं पर्यटकीय सुविधाएँ भी काफी विकसित होगा, इससे रोजगार की भी वृद्धि होगी।

अब तक बिहार और उत्तर भारत के भक्तों को भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन के लिए आंध्र प्रदेश तक हजारों किलोमीटर का सफर करना पड़ता था. मोकामा में तिरुपति मंदिर निर्माण से करोड़ों श्रद्धालुओं को सुविधा मिलेगी. यहां आकर वे सीधे बालाजी के दर्शन कर पाएंगे. यह कदम धार्मिक पर्यटन को नई ऊंचाई देगा और मोकामा का नाम राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करेगा.

मंदिर बनने के बाद मोकामा केवल पूजा-पाठ तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह सांस्कृतिक गतिविधियों का भी केंद्र बनेगा. यहां नियमित रूप से धार्मिक अनुष्ठान, भजन-कीर्तन, आध्यात्मिक शिविर और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे. इससे स्थानीय लोगों की भागीदारी बढ़ेगी और मोकामा पूरे देश में धार्मिक पर्यटन के मानचित्र पर दर्ज होगा.

पर्यटन की दृष्टि से यह मंदिर बिहार को नई पहचान देगा. मोकामा आने वाले श्रद्धालु न केवल मंदिर के दर्शन करेंगे बल्कि बिहार की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर से भी रूबरू होंगे. इससे राज्य की सकारात्मक छवि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत होगा